उज्जैन में बनेंगे माइक्राे कंटेनमेंट:जिस घर में संक्रमित मिलेगा, उसके बाहर चिपकाएंगे पाेस्टर

मप्र में काेराेना संक्रमण राेकने के लिए सरकार फिर से माइक्राे कंटेनमेंट का फाॅर्मूला लागू करने जा रही है। ये फाॅर्मूला भाेपाल, इंदाैर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर, छिंदवाड़ा, रतलाम, बुरहानपुर, बैतूल, खरगाेन में लागू हाेगा। यहां अब जिस घर में संक्रमित मिलेगा, उसके बाहर पाेस्टर लगाया जाएगा। पूरी गली या माेहल्ले काे कंटेनमेंट नहीं किया जाएगा। एक-दाे दिन में यह फैसला लागू हाे जाएगा। इसकी पुष्टि स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव माेहम्मद सुलेमान ने की। बता दें कि संक्रमण बढ़ने के बावजूद राज्य सरकार ने घर-घर टेस्टिंग बंद कर रखी है।

मुफ्त इलाज की व्यवस्था काे भी सीमित कर दिया है। शासकीय अस्पताल को छोड़ दें तो भोपाल के निजी हॉस्पिटल में बेड की संख्या 1300 से घटाकर सिर्फ 160 कर दी गई है। इंदौर में यह 150 है। इससे संक्रमित परेशान हाे रहे हैं। यदि किसी परिवार का कामकाजी व्यक्ति ही संक्रमित हो जाए तो उसके माता-पिता, पत्नी और बच्चों की जांच किसके जिम्मे है, यह तय नहीं। उन्हें लाने-ले जाने के लिए भी लोग नहीं हैं। निजी लैब में जांच की व्यवस्था है, लेकिन घर दूर हो तो वे भी जाने से मना कर रहे हैं। यदि जाते भी हैं तो मोटी रकम वसूल रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में बेड भर जाने के कारण निजी अस्पताल अब कोरोना के इलाज का मनमाना पैसा वसूलने में लगे हैं। यह दो लाख से लेकर पांच लाख तक है।

शुरुआत में घर-घर टेस्टिंग काे सपाेर्ट मिला, अब स्थिति अलग है
(सीधी बात : मोहम्मद सुलेमान, अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य)

सवाल : केस बढ़ रहे हैं तो फिर घर-घर टेस्टिंग की व्यवस्था को क्यों बंद किया गया?
जवाब : शुरुआती दौर में इसकी जरूरत थी। इसलिए घर-घर टेस्टिंग की गई। लेकिन लोगों का पूरा सपोर्ट नहीं मिलता था। अब स्थिति थोड़ी बदल गई है। इसलिए टीमें बनाना और पीपीई किट पहनाकर लोगों को भेजने का खर्च ज्यादा है।

सवाल : फीवर क्लीनिक की संख्या भी तो घटा दी गई है?
जवाब : पर्यटन के लिए जाने वाले लोग भी जांच करवाने लगे थे, ताकि उन्हें निगेटिव प्रमाण-पत्र मिल जाए। वास्तविक लोगों की जांच तो अभी भी हो रही है। हर जांच पर एक हजार रु. खर्च आता है।

सवाल : मुफ्त इलाज नहीं होने से लोगों को ज्यादा पैसा चुकाना पड़ रहा है?
जवाब : भोपाल-इंदौर के एक-एक निजी अस्पताल से अभी भी अनुबंध है। वरिष्ठ स्तर पर बेड की संख्या बढ़ाने पर विचार करेंगे।

होम आइसोलेशन के लिए करेंगे प्रेरित

हालांकि कोशिश इस बात की हो रही है कि ज्यादा से ज्यादा लोग होम आइसोलेशन में रहें। जल्द ही 45 वर्ष से अधिक आयु के सामान्य लोगों को भी कोरोना का टीका लगना शुरू हो जाएगा। सुलेमान के अनुसार प्रदेश के दस जिलों में केस सामने आए हैं, सरकार पूरा प्रयास करेगी कि बाकी के 42 जिलों में यह न फैले। दस जिलों में भी धीरे-धीरे इसकी संख्या कम की जाएगी।

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